फ़ॉलोअर

बुधवार, 5 मई 2010

गाँधी : नेक्ड एम्बिशन

कितने अफ़सोस की बात है कि जिन्हें हमारा देश राष्ट्रपिता कहता है और पूरी दुनिया जिन्हें सत्य, अहिंसा और सदाचार का प्रतिक मानती है उन्हीं गांधी जी के बारे में निहायत ही घटिया शब्दों में एक ब्रिटिश इतिहासकार जेड एडम्स ने 'गाँधी : नेक्ड एम्बिशन' नामक अपनी पुस्तक में तथ्यों को तोड़ मरोड़कर एक ऐसा चित्र प्रस्तुत किया है जिसमें गांधी को युवा नग्न औरतों के साथ नहाने वाला और रात को अपने अनुयायी आदमियों की जवान पत्नियों को अपने बिस्तर पर सुलाने वाला इंसान बताया है.

समझ में नहीं आता है कि विवादस्पद कथनों से सस्ती लोकप्रियता बटोरने वाली किताबें/लेखक क्यों बढ़ते जा रहे हैं ? विदेशी तो विशेषकर हमारे धीरज का इम्तिहान लेते है और वे शायद बर्दाश्त नहीं कर सकते कि हमारे बापू को मानने वालों की संख्या दिनों दिन बढ़ रही है. शायद जेड एडम्स की भी यही मानसिकता रही हो. इन्हें शायद एक बार नए सिरे से गांधी को पढ़ना चाहिए. ऐसा डायना और डोडी अल फय्याद या फिर बिल क्लिंटन जैसे लोग पश्चिम में करते होंगे, यहाँ नहीं. और फिर इस किस्म का घृणास्पद लेखन तो असहनीय है.

मैंने एक बार गांधी जी पर आयोजित अन्तरराष्ट्रीय सेमिनार में भाग लिया था जिसमें फरेद्रेग शिगोवोकी, स्वर्गीय निर्मला देशपांडे, महामहिमप्रतिभा पाटिल जैसी हस्तियों ने गांधी जी पर अपने विचार बांटे थे. इन तीन दिनों में गांधी जी को जानने और समझाने का भरपूर मौका मिला था और गांधीजी के काफी अनछुए पहलू भी जानने का मौका मिला, मगर ऐसा न कहीं पढ़ा और न सुना. फिर पता नहीं किस तरह से और कहाँ से जेड एडम्स ने ये सब जुटाया है.क्या यह खिलवाड़ नहीं हमारे आदर्शों पर. हम गांधी जी के सपनों का भारत कितना तैयार कर पाएं हैं यह अलग से चिंता और चिंतन का विषय है मगर क्या राष्ट्रपिता पर इस तरह कोई कलम चलाये,हमें स्वीकार करना चाहिए?

फ़िलहाल तो यह पुस्तक भारत में नहीं आई है, अगर यहाँ पहुंचती है तो क्या छवि प्रस्तुत होगी ?

ऐसी दुष्प्रवृत्तियों का आप सब अपने अपने स्तर पर विरोध करें. पश्चिमी देश के लोग शायद यह भूल गए हैं कि यह गुलाम भारत नहीं अपितु एक तेजी से बढ़ रहा अमनपरस्त मुल्क है और यह सब अब सहन नहीं होगा .

(जिस अखबार में यह छपा है उसका लिंक गाँधी : नेक्ड एम्बिशन )

जितेन्द्र कुमार सोनी
प्रवक्ता - राजनीति विज्ञान

5 टिप्‍पणियां:

विजय प्रकाश सिंह ने कहा…

Dear Amit,

Its recorded, its fact. Another book by Mr. Girija Kumar , former JNU librarian was also bublished on same subject few years back.

Great saints in India , in Vedic Period also used to do many experiments , nothing unusual. We can not measure great saints with same scale as ordinary souls.

Rishis & Munis have given us great knowledges by doing various experiments , called 'Tapasya' . We should not get upset

विजय प्रकाश सिंह ने कहा…

Books Name is : Brahmacharya Gandhi and his women associates / by Girija Kumar

बेनामी ने कहा…

Sab charcha men ane ka bahana hai...

_________________
'सप्तरंगी प्रेम' ब्लॉग पर हम प्रेम की सघन अनुभूतियों को समेटती रचनाओं को प्रस्तुत कर रहे हैं. आपकी रचनाओं का भी हमें इंतजार है. hindi.literature@yahoo.com

आदेश कुमार पंकज ने कहा…

बहुत सुंदर
मातृ दिवस के अवसर पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनायें और मेरी ओर से देश की सभी माताओं को सादर प्रणाम |

editor : guftgu ने कहा…

चिंतनीय विषय...