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मंगलवार, 5 मई 2009

आई0ए0एस0 टॉपर्स में लड़कियाँ काबिज

समाज बदल रहा है, सोच बदल रही है और इसी के साथ महिलाओं का दायरा बढ़ रहा है। अभी तक लोग कहते थे कि राजनीति, प्रशासन और बिजनेस में महिलायें शीर्ष स्थानों पर मुकाम बना रही हैं। पर इस बार के आई0ए0एस0 रिजल्ट ने साबित कर दिया है कि महिलायें वाकई अब शीर्ष पर हैं। अब तक के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि आई0ए0एस0 के रिजल्ट ने प्रथम तीन स्थान पर लड़कियाँ ही काबिज हैं। इनके नाम क्रमशः शुभ्रा सक्सेना, शरणदीप कौर एवं किरन कौशल हैं। शादी के 6 वर्ष बाद सफलता पाने वाली 30 वर्षीया टाॅपर शुभ्रा सक्सेना आई0आई0टी0 रूड़की से बीटेक हैं और यह उनका दूसरा प्रयास था। मूलताः बरेली की रहने वाली शुभ्रा फिलहाल गाजियाबाद में इंदिरापुरम् के विन्डसर पार्क सोसाइटी में रहती हैं। कभी बी0पी0ओ0 में नौकरी करने वाली शुभ्रा ने मनोविज्ञान विषय से यह सफलता प्राप्त की है। दूसरी टाॅपर शरणदीप कौर पंजाब विश्वविद्यालय से एम0ए0 हैं। गौरतलब है कि कुल घोषित 791 स्थान में टाॅप 25 में 10 लड़कियों ने स्थान बनाया है। शीर्ष 25 सफल उम्मीदवारों में से दो ने हिन्दी और एक ने पंजाबी माध्यम से परीक्षा देकर सफलता प्राप्त की। इनमें 12 उम्मीदवार सोशल साइंस, कामर्स एवं मैनेजमेण्ट से तो 9 इंजीनियर व 4 मेडिकल फील्ड से हैं। पुरूषों में प्रथम स्थान एवं मेरिट में चतुर्थ स्थान प्राप्त वीरेन्द्र कुमार शर्मा शारीरिक रूप से विकलांग हैं। निश्चिततः उनकी सफलता भी युवाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत का कार्य करेगी। हमारी तरफ से इस सभी होनहारों को ढेरों बधाई और यह विश्वास कि ये समाज को नई ऊचाइयों तक ले जायेंगे।
आकांक्षा

13 टिप्‍पणियां:

Amit Kumar Yadav ने कहा…

Mahilayen to ab har kshetra men dhoom macha rahi hain.

hem pandey ने कहा…

यह समाचार महिलाओं की प्रतिभा का अवलोकन कराता है,

शरद कुमार ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
शरद कुमार ने कहा…

महिलाओं की बुलंदी में एक और पन्ना जुड़ गया..बधाई !!

हिंदी साहित्य संसार : Hindi Literature World ने कहा…

IAS में तीन टॉपर लड़कियां...बहुत खूब. अब तो किसी आरक्षण की जरुरत नहीं रही नारी को, बस उसका हौसला बुलंद रखें.

www.dakbabu.blogspot.com ने कहा…

Many-Many Congts.

Ram Shiv Murti Yadav ने कहा…

सफलता का कोई मूल्य नहीं होता...नारी शक्ति को प्रणाम करता हूँ.

Ram Shiv Murti Yadav ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
Dr. Brajesh Swaroop ने कहा…

शादी के 6 वर्ष बाद सफलता पाने वाली 30 वर्षीया टाॅपर शुभ्रा सक्सेना आई0आई0टी0 रूड़की से बीटेक हैं और यह उनका दूसरा प्रयास था।...हौसला हो तो व्यक्ति कुछ भी कर सकता है.

Unknown ने कहा…

एक विकलांग व्यक्ति का पुरुषों में IAS टॉप करना....इस जज्बे को सलाम करता हूँ.

बेनामी ने कहा…

Nice one.

KK Yadav ने कहा…

Go ahead Girls....

RAJNISH PARIHAR ने कहा…

betiyan ghar ke kaam karte hue bhi saflta paa rahi hai,bahut hi achha sandesh hai ye..