फ़ॉलोअर

गुरुवार, 16 अप्रैल 2009

प्रतिभा पलायन क्यों??????.......

पुराने जमाने में भारत को सोने की चिडिया कहते थे..ये हम सब जानते है...!अंग्रेज भी जानते थे ...पुर्तगाली भी जानते थे तभी वे इतनी दूर तक आ गए...!आज के .वर्तमान...भारत को पूरा विशव ज्ञान की चिडिया के रूप में जानने लगा है!समस्त विशव में भारतीयों ने अपने ज्ञान का डंका बजाया है तभी तो हर जगह भारतीय लोग छा..गए है...!अमेरिका में तो राष्ट्रपति ओबामा का आधा स्टाफ ही भारतीय है..!अपने ज्ञान के दम पर भारतीय लोगों ने पूरे संसार में अपनी एक अलग पहचान बनाई है...!लेकिन इसका एक दूसरा पक्ष भी है...!भारत ने इसकी कीमत भी चुकाई है....प्रतिभा पलायन के रूप में...!आज देश की प्रतिभा देश में नहीं बल्कि विदेश में अपना भविष्य देखती है..!देश अपने संसाधन लगा कर एक प्रतिभा को तैयार करता है और वो अपना ज्ञान देती है विदेशों को...!उसके ज्ञान और अनुभव से देश वंचित हो जाता.. है...!आखिर क्यूँ होता है..ऐसे...?जवाब ज्यादा जटिल नहीं है...इसका कारण है ..हमारी व्यवस्था....,लाल फीताशाही..और काम ना करने की आज़ादी..!यहाँ से अच्छा माहोल और पैसा उन्हें विदेशों में आकर्षित करता है....!अब देखिये ना हमारी सरकार गांधी जी की कुछ वस्तुओं ,कोहिनूर हीरे और कुछ अन्य अनुपयोगी वस्तुओं के लिए तो मगजमारी करती है जबकि प्रतिभा पलायन को रोकने के लिए कोई पहल नहीं करती..!अगर ये प्रतिभाएं देश को अपना ज्ञान देती तो आज हम हर मामले में विकासशील देशों से आगे खड़े होते !जहां हर राष्ट्र अपनी भाषा,संस्कृति और शिक्षा का संरक्षण करता है वहीँ हम.. इनका त्याग कर रहे है..ऐसे में देश का क्या होगा...! हमारे यहाँ योग्यता से ज्यादा महत्व व्यक्ति को दिया जाता है जो गलत है..!...आज .विदेश में रखे काले धन पर तप सब की नज़र है...पर विदेशों में बसे प्रतिभाशाली लोगों का क्या????क्या उन्हें कोई .पॅकेज देकर वापस नहीं लाया जा सकता...?क्यूँ सभी पार्टियाँ खामोश है?क्या देश का उन पर अब कोई हक नहीं रहा या आज उनकी यहाँ कोई जरुरत नहीं है?सच तो ये है की सब वापस आना चाहते है लेकिन कोई शुरुआत करें तो सही...!एक अच्छी और दिल से की गई शुरुआत देश का भविष्य बदल सकती है....

4 टिप्‍पणियां:

SUNIL KUMAR SONU ने कहा…

inspirative article

Akanksha Yadav ने कहा…

एक अच्छी और दिल से की गई शुरुआत देश का भविष्य बदल सकती है.... Bat men to dam hai.Par yah pahal bhi to YUVA ko hi karni hogi.

www.dakbabu.blogspot.com ने कहा…

Ekdam sahi bat likhi ji apne.

Amit Kumar Yadav ने कहा…

अब देखिये ना हमारी सरकार गांधी जी की कुछ वस्तुओं ,कोहिनूर हीरे और कुछ अन्य अनुपयोगी वस्तुओं के लिए तो मगजमारी करती है जबकि प्रतिभा पलायन को रोकने के लिए कोई पहल नहीं करती..!
__________________________________
Janab ! Virasat ka apna mahatv hai.